
Friday, May 22, 2009
जोगी रे क्या जादू है तेरे प्यार में ?
जोगी रे क्या जादू है तेरे प्यार में ?
जाने ना जाने ना, जग को खबर कब होगी ?
सूरत तेरी बड़ी है प्यारी अखियाँ हैं मतवाली
नज़र उतारूँ तेरी गुरूवर जाऊँ वारी वारी
हाय हाय जोगी रे.............
तेरा रूप है सबसे न्यारा तू सबका रखवाला
सबको नाच नचावे जोगी कैसा भोला भाला
हाय हाय जोगी रे.............
जब से मैंने तुमको देखा छूट गयी मनमानी
साँस साँस में नाम रटूँ तेरा हो गई मैं दीवानी
हाय हाय जोगी रे.............
मेरे दिलबर मेरे रहबर साथ सदा मेरे रहना
दूर न होना हमसे जोगी ऐसा तुमसे कहना
हाय हाय जोगी रे.............
तन मन में बस जाओ जोगी यह है मेरी मर्जी
इसको मेरा भाव समझ लो या समझो खुदगर्जी
हाय हाय जोगी रे.............
तुम ही तुम हो मेरे दिल में और कोई न रहता
मेरी साँसों की सरगम में तेरा नाम है रहता
हाय हाय जोगी रे.............
तेरे प्रेम में मैं बह जाऊँ मूरत मनवा बसाऊँ
तेरा सुमिरन करके जोगी भव सागर तर जाऊँ
हाय हाय जोगी रे.............
तुझसे ही है ये हरियाली महके डाली डाली
जो भी तुमको देखे जोगी छाये मुख पे लाली
हाय हाय जोगी रे............
ज्ञान की ज्योति तुम हो जगाते भक्ति की धारा बहाते
आनंद आनंद सबको आता दौड़ के द्वार पे आते
हाय हाय जोगी रे..........
तेरा दर्शन हर पल माँगू और न माँगू कुछ भी
तेरी इक मुस्कान पे वारूँ अपनी जिंदगी सारी
हाय हाय जोगी रे...........
बुरा हो इन बैरन अखियन का कर बैठीं नादानी
पहले मन में आग लगायी अब बरसाये पानी
हाय हाय जोगी रे...........
तेरे प्रेम में नीर बहाऊँ मूरत मन में बसाऊँ
तेरी याद में मेरे जोगी मैं बलिहारी जाऊँ
हाय हाय जोगी रे..........
उलटी प्रीत है जग की जोगी हाथ पकड़ कर तजना
साँची प्रीत है तेरी जोगी हाथ पकड़ नहीं तजना
हाय हाय जोगी रे...........
तेरे दर्श से मन हो पुलकित आनंद आनंद आये
तेरी अखियाँ ऐसे लागें जैसे हमें बुलायें
हाय हाय जोगी रे...........
चन्दा भी देखा तारे भी देखे देखा सूरज बरसों
जब से मैंने तुमको देखा मन में फूली सरसों
हाय हाय जोगी रे.............
जाने ना जाने ना, जग को खबर कब होगी ?
सूरत तेरी बड़ी है प्यारी अखियाँ हैं मतवाली
नज़र उतारूँ तेरी गुरूवर जाऊँ वारी वारी
हाय हाय जोगी रे.............
तेरा रूप है सबसे न्यारा तू सबका रखवाला
सबको नाच नचावे जोगी कैसा भोला भाला
हाय हाय जोगी रे.............
जब से मैंने तुमको देखा छूट गयी मनमानी
साँस साँस में नाम रटूँ तेरा हो गई मैं दीवानी
हाय हाय जोगी रे.............
मेरे दिलबर मेरे रहबर साथ सदा मेरे रहना
दूर न होना हमसे जोगी ऐसा तुमसे कहना
हाय हाय जोगी रे.............
तन मन में बस जाओ जोगी यह है मेरी मर्जी
इसको मेरा भाव समझ लो या समझो खुदगर्जी
हाय हाय जोगी रे.............
तुम ही तुम हो मेरे दिल में और कोई न रहता
मेरी साँसों की सरगम में तेरा नाम है रहता
हाय हाय जोगी रे.............
तेरे प्रेम में मैं बह जाऊँ मूरत मनवा बसाऊँ
तेरा सुमिरन करके जोगी भव सागर तर जाऊँ
हाय हाय जोगी रे.............
तुझसे ही है ये हरियाली महके डाली डाली
जो भी तुमको देखे जोगी छाये मुख पे लाली
हाय हाय जोगी रे............
ज्ञान की ज्योति तुम हो जगाते भक्ति की धारा बहाते
आनंद आनंद सबको आता दौड़ के द्वार पे आते
हाय हाय जोगी रे..........
तेरा दर्शन हर पल माँगू और न माँगू कुछ भी
तेरी इक मुस्कान पे वारूँ अपनी जिंदगी सारी
हाय हाय जोगी रे...........
बुरा हो इन बैरन अखियन का कर बैठीं नादानी
पहले मन में आग लगायी अब बरसाये पानी
हाय हाय जोगी रे...........
तेरे प्रेम में नीर बहाऊँ मूरत मन में बसाऊँ
तेरी याद में मेरे जोगी मैं बलिहारी जाऊँ
हाय हाय जोगी रे..........
उलटी प्रीत है जग की जोगी हाथ पकड़ कर तजना
साँची प्रीत है तेरी जोगी हाथ पकड़ नहीं तजना
हाय हाय जोगी रे...........
तेरे दर्श से मन हो पुलकित आनंद आनंद आये
तेरी अखियाँ ऐसे लागें जैसे हमें बुलायें
हाय हाय जोगी रे...........
चन्दा भी देखा तारे भी देखे देखा सूरज बरसों
जब से मैंने तुमको देखा मन में फूली सरसों
हाय हाय जोगी रे.............
जीवन रसायन :
१) जो मनुष्य इसी जन्म में मुक्ति प्राप्त करना चाहता है, उसे एक ही जन्म में हजारों वर्षों का काम कर लेना होगा । उसे इस युग की रफ़्तार से बहुत आगे निकलना होगा । जैसे स्वप्न में मान-अपमान, मेरा-तेरा, अच्छा-बुरा दिखता है और जागने के बाद उसकी सत्यता नहीं रहती वैसे ही इस जाग्रत जगत में भी अनुभव करना होगा । बस .... हो गया हजारों वर्षों का काम पूरा । ज्ञान की यह बात ह्रदय में ठीक से जमा देने वाले कोई महापुरुष मिल जाएँ तो हजारों वर्षों के संस्कार, मेरे तेरे के भ्रम को दो पल में ही निवृत कर दें और कार्य पूरा हो जाए ।
बड़ा सुंदर सा प्यारा सा नाम जिनका
बड़ा सुंदर सा प्यारा सा नाम जिनका
मोटेरा में है धाम जिनका
लोग कहते हैं बापू आसाराम
उनके चरणों में लाखों प्रणाम
निर्धन हो या हो धनवान , समझें सबको एक समान
"शुभ" झलक मिल जाए तो -२ , टूट जाते हैं सारे अभिमान
उनके चरणों में लाखों प्रणाम ......
मुझको रंग दिया भक्ति के रंग में , प्रेम हो गया प्रभु जी के संग में
हो सामने तुम तो पता चले ना -२ , कब हो जाए सुबह कब शाम
उनके चरणों में लाखों प्रणाम ......
दाता तुम हो दया के सिन्धु , जिसको मिल जाए एक बिन्दु
ध्यान धरे जो मन से बापू -२, दिखे तुझमें राम और श्याम
उनके चरणों में लाखों प्रणाम ......
ग्रंथों का मुझे ज्ञान नहीं है , अच्छे-बुरे की पहचान नहीं है
तेरे मुख से निकले ज्ञान की गंगा -२, उसमें करता रहूँ स्नान
उनके चरणों में लाखों प्रणाम ......
रचना : अभिषेक मैत्रेय "शुभ"
मोटेरा में है धाम जिनका
लोग कहते हैं बापू आसाराम
उनके चरणों में लाखों प्रणाम
निर्धन हो या हो धनवान , समझें सबको एक समान
"शुभ" झलक मिल जाए तो -२ , टूट जाते हैं सारे अभिमान
उनके चरणों में लाखों प्रणाम ......
मुझको रंग दिया भक्ति के रंग में , प्रेम हो गया प्रभु जी के संग में
हो सामने तुम तो पता चले ना -२ , कब हो जाए सुबह कब शाम
उनके चरणों में लाखों प्रणाम ......
दाता तुम हो दया के सिन्धु , जिसको मिल जाए एक बिन्दु
ध्यान धरे जो मन से बापू -२, दिखे तुझमें राम और श्याम
उनके चरणों में लाखों प्रणाम ......
ग्रंथों का मुझे ज्ञान नहीं है , अच्छे-बुरे की पहचान नहीं है
तेरे मुख से निकले ज्ञान की गंगा -२, उसमें करता रहूँ स्नान
उनके चरणों में लाखों प्रणाम ......
रचना : अभिषेक मैत्रेय "शुभ"
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