Friday, May 22, 2009

बड़ा सुंदर सा प्यारा सा नाम जिनका

बड़ा सुंदर सा प्यारा सा नाम जिनका
मोटेरा में है धाम जिनका
लोग कहते हैं बापू आसाराम
उनके चरणों में लाखों प्रणाम

निर्धन हो या हो धनवान , समझें सबको एक समान
"शुभ" झलक मिल जाए तो -२ , टूट जाते हैं सारे अभिमान
उनके चरणों में लाखों प्रणाम ......

मुझको रंग दिया भक्ति के रंग में , प्रेम हो गया प्रभु जी के संग में
हो सामने तुम तो पता चले ना -२ , कब हो जाए सुबह कब शाम
उनके चरणों में लाखों प्रणाम ......

दाता तुम हो दया के सिन्धु , जिसको मिल जाए एक बिन्दु
ध्यान धरे जो मन से बापू -२, दिखे तुझमें राम और श्याम
उनके चरणों में लाखों प्रणाम ......

ग्रंथों का मुझे ज्ञान नहीं है , अच्छे-बुरे की पहचान नहीं है
तेरे मुख से निकले ज्ञान की गंगा -२, उसमें करता रहूँ स्नान
उनके चरणों में लाखों प्रणाम ......

रचना : अभिषेक मैत्रेय "शुभ"

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