नहीं जाना अब दूर गुरुवर दूर दूर दूर
कह दो हमारा जी कसूर,
नहीं जाना अब दूर गुरुवर दूर दूर दूर
तुम ही दाता हों , गुरुवर विधाता मेरे
झूठे है सरे दस्तूर,
नहीं जाना अब दूर गुरुवर दूर दूर दूर
आज्ञा में तेरी रहे, दुःख सारे हँसकर सहे.
जो भी मिले वो मंजूर.
नहीं जाना अब दूर गुरुवर दूर दूर दूर
अपनी हमें प्रीति देना , अपनी शरण में लेना
प्रेम रहे ये भरपूर
नहीं जाना अब दूर गुरुवर दूर दूर दूर
दर्श तेरे पाते रहे, द्वार तेरे आते रहे.
आँखों में रहे तेरा नूर.
नहीं जाना अब दूर गुरुवर दूर दूर दूर
Sunday, January 27, 2008
Saturday, January 26, 2008
Adharam madhuram vadanam madhuram
Adharam madhuram vadanam madhuram
Nayanam madhuram hasitam madhuram
Hridayam madhuram gamanam madhuram
Madhuraadipate akhilam madhuram (1)
Vachanam madhuram charitam madhuram
Vasanam madhuram valitam madhuram
Chalitam madhuram bhramitam madhuram
Madhuraadipate akhilam madhuram (2)
Venoor madhuro renur madhurah
Panir madhurah paadau madhurah
Nrityam madhuram sakhyam madhuram
Madhuraadipate rakhilam madhuram (3)
Geetam madhuram peetam madhuram
Bhuktam madhuram suptam madhuram
Rupam madhuram tilakam madhuram
Madhuraadipate rakhilam madhuram (4)
Karanam madhuram taranam madhuram
Haranam madhuram smaranam madhuram
Vamitam madhuram samitam madhuram
Madhuraadipate akhilam madhuram (5)
Gunjaa madhura maala madhura
Yamuna madhura veechee madhura
Salilam madhuram kamalam madhuram
Madhuraadipate akhilam madhuram (6)
Gopi madhura leela madhura
Yuktam madhuram bhuktam madhuram
Drishtam madhuram sistam madhuram
Madhuraadipate akhilam madhuram (7)
Nayanam madhuram hasitam madhuram
Hridayam madhuram gamanam madhuram
Madhuraadipate akhilam madhuram (1)
Vachanam madhuram charitam madhuram
Vasanam madhuram valitam madhuram
Chalitam madhuram bhramitam madhuram
Madhuraadipate akhilam madhuram (2)
Venoor madhuro renur madhurah
Panir madhurah paadau madhurah
Nrityam madhuram sakhyam madhuram
Madhuraadipate rakhilam madhuram (3)
Geetam madhuram peetam madhuram
Bhuktam madhuram suptam madhuram
Rupam madhuram tilakam madhuram
Madhuraadipate rakhilam madhuram (4)
Karanam madhuram taranam madhuram
Haranam madhuram smaranam madhuram
Vamitam madhuram samitam madhuram
Madhuraadipate akhilam madhuram (5)
Gunjaa madhura maala madhura
Yamuna madhura veechee madhura
Salilam madhuram kamalam madhuram
Madhuraadipate akhilam madhuram (6)
Gopi madhura leela madhura
Yuktam madhuram bhuktam madhuram
Drishtam madhuram sistam madhuram
Madhuraadipate akhilam madhuram (7)
आरती श्री आसारामायण जी की
आरती श्री आसारामायण जी की
आरती श्री आसारामायण जी की
कर दे प्रभु परायण जी की
एक एक शब्द पूर्ण है इनका
दोष मिटे जैसे अग्नि में तिनका
शांति और आनंद दात्री जी की
आरती श्री आसारामायण जी की
सरल, सहज और मधुर है भाषा
पूर्ण करती हर अभिलाषा
कष्ट निवारक दुखहरनी की
आरती श्री आसारामायण जी की
ना कोई और है इनके जैसा
कंचन कार्ड पारस जैसा
भवतारक प्रिय है ये सभी की
आरती श्री आसारामायण जी की
पाठ करे जो निशिदिन इसका
पूर्ण करे जो काज हो जिसका
वर दानी कल्याणी जी की
आरती श्री आसारामायण जी की
पद कर चडे निराली मस्ती
खो जाये प्राणी, मिट जाये हस्ती
ज्ञान भक्ति और योग त्रिवेणी
आरती श्री आसारामायण जी की
रामायण और गीता के सम
नहीं है ये किसी शास्त्र से कम
छोटी सी है पर बड़े लाभ की
आरती श्री आसारामायण जी की
जिसे पड़ कर गुरु याद बड़े है
विघन हटे जो राह में खडे है
विघन निवारक दुःख हरनी की
सुखकारी मंगलकरनी की
शिष्यों की हिरदय मलहारिणी जी की
आरती श्री आसारामायण जी की
आरती श्री आसारामायण जी की
कर दे प्रभु परायण जी की
एक एक शब्द पूर्ण है इनका
दोष मिटे जैसे अग्नि में तिनका
शांति और आनंद दात्री जी की
आरती श्री आसारामायण जी की
सरल, सहज और मधुर है भाषा
पूर्ण करती हर अभिलाषा
कष्ट निवारक दुखहरनी की
आरती श्री आसारामायण जी की
ना कोई और है इनके जैसा
कंचन कार्ड पारस जैसा
भवतारक प्रिय है ये सभी की
आरती श्री आसारामायण जी की
पाठ करे जो निशिदिन इसका
पूर्ण करे जो काज हो जिसका
वर दानी कल्याणी जी की
आरती श्री आसारामायण जी की
पद कर चडे निराली मस्ती
खो जाये प्राणी, मिट जाये हस्ती
ज्ञान भक्ति और योग त्रिवेणी
आरती श्री आसारामायण जी की
रामायण और गीता के सम
नहीं है ये किसी शास्त्र से कम
छोटी सी है पर बड़े लाभ की
आरती श्री आसारामायण जी की
जिसे पड़ कर गुरु याद बड़े है
विघन हटे जो राह में खडे है
विघन निवारक दुःख हरनी की
सुखकारी मंगलकरनी की
शिष्यों की हिरदय मलहारिणी जी की
आरती श्री आसारामायण जी की
सपना ये संसार, जप ले राम हरि
सपना ये संसार, जप ले राम हरि
तू दिल से जरा पुकार, हरिॐ राम हरि
1) सत्संग में नित रुचि बना ले
संत चरणरज शीश लगा ले
गुरु चरणरज शीश लगा ले
जीने का यही सार, जप ले राम हरि
हरिॐ हरिॐ हरिॐ हरिॐ.................
2) संयम से इस जग में रहना
सबके हित की नीति कहना
सबसे करना प्यार, जप ले राम हरि
हरिॐ हरिॐ हरिॐ हरिॐ..................
3) संतोषी बन शांति पाना
परमेश्वर का ध्यान लगाना
सदगुरुदेव का ध्यान लगाना
गुरु करें भव पार, जप ले राम हरि
सदगुरु करें भव पार, जप ले राम हरि
हरिॐ हरिॐ हरिॐ हरिॐ........................
4) बुद्धि जो भोगों में फँसेगी
परम तत्व को नहीं समझेगी
मन को जरा सुधार, जप ले राम हरि
तू मन को जरा सुधार, जपले राम हरि
हरिॐ हरिॐ हरिॐ हरिॐ.............................
मेरे राम मेरे राम मेरे राम मेरे राम.......................
हरिॐ हरिॐ हरिॐ हरिॐ..............................
तू दिल से जरा पुकार, हरिॐ राम हरि
1) सत्संग में नित रुचि बना ले
संत चरणरज शीश लगा ले
गुरु चरणरज शीश लगा ले
जीने का यही सार, जप ले राम हरि
हरिॐ हरिॐ हरिॐ हरिॐ.................
2) संयम से इस जग में रहना
सबके हित की नीति कहना
सबसे करना प्यार, जप ले राम हरि
हरिॐ हरिॐ हरिॐ हरिॐ..................
3) संतोषी बन शांति पाना
परमेश्वर का ध्यान लगाना
सदगुरुदेव का ध्यान लगाना
गुरु करें भव पार, जप ले राम हरि
सदगुरु करें भव पार, जप ले राम हरि
हरिॐ हरिॐ हरिॐ हरिॐ........................
4) बुद्धि जो भोगों में फँसेगी
परम तत्व को नहीं समझेगी
मन को जरा सुधार, जप ले राम हरि
तू मन को जरा सुधार, जपले राम हरि
हरिॐ हरिॐ हरिॐ हरिॐ.............................
मेरे राम मेरे राम मेरे राम मेरे राम.......................
हरिॐ हरिॐ हरिॐ हरिॐ..............................
मेरे मन मंदिर में ध्यान तुम्हारा मेरे गुरुवर
मेरे मन मंदिर में ध्यान तुम्हारा मेरे गुरुवर
मेरे मन मंदिर में ध्यान तुम्हारा मेरे गुरुवर
1) मन मंदिर में बसने वाले
ध्यान हमारा रखने वाले
तन मन धन हम तुझपे वारें मेरे गुरुवर......
मेरे मन मंदिर में ध्यान तुम्हारा.......
2) सागर जैसे तुम गहरे हो
सदा स्वयं में तुम ठहरे हो
भक्ती मुक्ती शक्ती दाता मेरे गुरुवर.............
मेरे मन मंदिर में ध्यान तुम्हारा.........
3) सबकी बिगड़ी बनाने वाले
सबकी झोली भरने वाले
हमें मिले भगवान हमारे मेरे गुरुवर....
मेरे मन मंदिर में ध्यान तुम्हारा..........
4) पीड़ा सबकी हरने वाले
सबक मंगल करने वाले
तुम सम ना कोई और है दूजा मेरे गुरुवर..............
मेरे मन मंदिर में ध्यान तुम्हारा...........
5) तुम्हीं राम हो कृष्ण तुम्हीं हो
भक्तों के सर्वस्व तुम्हीं हो
सब भक्तों के तुम रखवाले मेरे गुरुवर..........
मेरे मन मंदिर में ध्यान तुम्हारा........
मेरे मन मंदिर में ध्यान तुम्हारा मेरे गुरुवर
1) मन मंदिर में बसने वाले
ध्यान हमारा रखने वाले
तन मन धन हम तुझपे वारें मेरे गुरुवर......
मेरे मन मंदिर में ध्यान तुम्हारा.......
2) सागर जैसे तुम गहरे हो
सदा स्वयं में तुम ठहरे हो
भक्ती मुक्ती शक्ती दाता मेरे गुरुवर.............
मेरे मन मंदिर में ध्यान तुम्हारा.........
3) सबकी बिगड़ी बनाने वाले
सबकी झोली भरने वाले
हमें मिले भगवान हमारे मेरे गुरुवर....
मेरे मन मंदिर में ध्यान तुम्हारा..........
4) पीड़ा सबकी हरने वाले
सबक मंगल करने वाले
तुम सम ना कोई और है दूजा मेरे गुरुवर..............
मेरे मन मंदिर में ध्यान तुम्हारा...........
5) तुम्हीं राम हो कृष्ण तुम्हीं हो
भक्तों के सर्वस्व तुम्हीं हो
सब भक्तों के तुम रखवाले मेरे गुरुवर..........
मेरे मन मंदिर में ध्यान तुम्हारा........
तुम्ही मेरे राम हो , तुम्ही मेरे श्याम हो
तुम्ही मेरे राम हो
तुम्ही मेरे श्याम हो
तुम्ही मेरी ज़िंदगी
तुम्ही विराम हो
तुम्ही मेरे तीर्थ
तुम्ही चार धाम हो
1) पावन-पावन छवि है तुम्हारी
सुखकर हितकर वाणी तुम्हारी
महिमा तुम्हारी किस विध गाऊँ
शीश झुकाकर बलि बलि जाऊँ
तुम्ही मेरे...............................
2) तुम ही सबके सच्चे दाता
तुम ही पिता हो तुम ही माता
तुम्हारे सिवा अब कुछ नहीं भाता
गुरु और शिष्य का कैसा नाता
तुम्ही मेरे................................
3) चरणों में तेरे जो भी आया
आत्म शांति वो ही पाया
तुमसे बड़ा प्रभु ना कोई और है
तुमसे ही सबके जीवन में भोर है
जिसकी जुड़ी प्रभु तुमसे ड़ोर है
होता नहीं कभी वो कमजोर है
तुम्ही मेरे..................................
4) झूठी दुनिया के झूठे नज़ारे
जान गये हम तुम हो हमारे
तुमसे कभी हम दूर ना जायें
तुमको ही सुमिरें तुमको ही पायें
तुम्ही मेरे.............................
तुम्ही मेरे श्याम हो
तुम्ही मेरी ज़िंदगी
तुम्ही विराम हो
तुम्ही मेरे तीर्थ
तुम्ही चार धाम हो
1) पावन-पावन छवि है तुम्हारी
सुखकर हितकर वाणी तुम्हारी
महिमा तुम्हारी किस विध गाऊँ
शीश झुकाकर बलि बलि जाऊँ
तुम्ही मेरे...............................
2) तुम ही सबके सच्चे दाता
तुम ही पिता हो तुम ही माता
तुम्हारे सिवा अब कुछ नहीं भाता
गुरु और शिष्य का कैसा नाता
तुम्ही मेरे................................
3) चरणों में तेरे जो भी आया
आत्म शांति वो ही पाया
तुमसे बड़ा प्रभु ना कोई और है
तुमसे ही सबके जीवन में भोर है
जिसकी जुड़ी प्रभु तुमसे ड़ोर है
होता नहीं कभी वो कमजोर है
तुम्ही मेरे..................................
4) झूठी दुनिया के झूठे नज़ारे
जान गये हम तुम हो हमारे
तुमसे कभी हम दूर ना जायें
तुमको ही सुमिरें तुमको ही पायें
तुम्ही मेरे.............................
ज़रा ठहरो गुरुदेवा, अभी दिल भरा ही नहीं, अभी दिल भरा ही नहीं |
ज़रा ठहरो गुरुदेवा, अभी दिल भरा ही नहीं, अभी दिल भरा ही नहीं |
करें दर्शन, तुम्हारा हम, अभी दिल भरा ही नहीं, अभी दिल भरा ही नहीं ||१||
ये मतलब की है सब दुनिया हमें भरमायेगी, हमें भरमायेगी |
तेरी रहमत हमको गुरुवर, खुद ही तरायेगी, खुद ही तरायेगी |
यूँ हमसे दूर ना जाओ, अभी दिल भरा ही नहीं, अभी दिल भरा ही नहीं ||२||
एक झलक तेरी मेरे गुरुवर, बिगड़ी बनायेगी, बिगड़ी बनायेगी |
तेरी कृपा, सब प्यासों की, प्यास बुझायेगी, प्यास बुझायेगी |
ज़रा हम पर नजर ड़ालो, अभी दिल भरा ही नहीं, अभी दिल भरा ही नहीं ||३||
तुम जाओगे तो ये आँखें नीर बहायेंगी, नीर बहायेंगी |
मेरे जीवन में गुरुवर, उदासी छायेगी, उदासी छायेगी |
रहम की अब, नजर ड़ालो, अभी दिल भरा ही नहीं, अभी दिल भरा ही नहीं ||४||
तेरी कृपा ही हम को, तुम से मिलायेगी, तुम से मिलायेगी |
तेरी सेवा मेरा जीवन सफ़ल बनायेगी, सफ़ल बनायेगी |
ज़रा अमृत तो बरसाओ, अभी दिल भरा ही नहीं, अभी दिल भरा ही नहीं ||५||
तेरी करुणा ही भक्ति की, लगन लगायेगी, लगन लगायेगी |
तेरी दृष्टि मन मंदिर, में ज्योत जलायेगी, ज्योत जलायेगी |
तेरी मुस्कान से गुरुवर, अभी दिल भरा ही नहीं, अभी दिल भरा ही नहीं ||६||
पीड़ा विरह की हमको प्रभु, खूब सतायेगी, खूब सतायेगी |
बिना तेरे हृदय की कलियाँ, ये मुरझायेगी, ये मुरझायेगी |
विनय स्वीकार तुम कर लो, अभी दिल भरा ही नहीं, अभी दिल भरा ही नहीं ||७||
ज़रा ठहरो गुरुदेवा, अभी दिल भरा ही नहीं, अभी दिल भरा ही नहीं |
करें दर्शन, तुम्हारा हम, अभी दिल भरा ही नहीं, अभी दिल भरा ही नहीं ||
करें दर्शन, तुम्हारा हम, अभी दिल भरा ही नहीं, अभी दिल भरा ही नहीं ||१||
ये मतलब की है सब दुनिया हमें भरमायेगी, हमें भरमायेगी |
तेरी रहमत हमको गुरुवर, खुद ही तरायेगी, खुद ही तरायेगी |
यूँ हमसे दूर ना जाओ, अभी दिल भरा ही नहीं, अभी दिल भरा ही नहीं ||२||
एक झलक तेरी मेरे गुरुवर, बिगड़ी बनायेगी, बिगड़ी बनायेगी |
तेरी कृपा, सब प्यासों की, प्यास बुझायेगी, प्यास बुझायेगी |
ज़रा हम पर नजर ड़ालो, अभी दिल भरा ही नहीं, अभी दिल भरा ही नहीं ||३||
तुम जाओगे तो ये आँखें नीर बहायेंगी, नीर बहायेंगी |
मेरे जीवन में गुरुवर, उदासी छायेगी, उदासी छायेगी |
रहम की अब, नजर ड़ालो, अभी दिल भरा ही नहीं, अभी दिल भरा ही नहीं ||४||
तेरी कृपा ही हम को, तुम से मिलायेगी, तुम से मिलायेगी |
तेरी सेवा मेरा जीवन सफ़ल बनायेगी, सफ़ल बनायेगी |
ज़रा अमृत तो बरसाओ, अभी दिल भरा ही नहीं, अभी दिल भरा ही नहीं ||५||
तेरी करुणा ही भक्ति की, लगन लगायेगी, लगन लगायेगी |
तेरी दृष्टि मन मंदिर, में ज्योत जलायेगी, ज्योत जलायेगी |
तेरी मुस्कान से गुरुवर, अभी दिल भरा ही नहीं, अभी दिल भरा ही नहीं ||६||
पीड़ा विरह की हमको प्रभु, खूब सतायेगी, खूब सतायेगी |
बिना तेरे हृदय की कलियाँ, ये मुरझायेगी, ये मुरझायेगी |
विनय स्वीकार तुम कर लो, अभी दिल भरा ही नहीं, अभी दिल भरा ही नहीं ||७||
ज़रा ठहरो गुरुदेवा, अभी दिल भरा ही नहीं, अभी दिल भरा ही नहीं |
करें दर्शन, तुम्हारा हम, अभी दिल भरा ही नहीं, अभी दिल भरा ही नहीं ||
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