Sunday, January 27, 2008

नहीं जाना अब दूर गुरुवर दूर दूर दूर

नहीं जाना अब दूर गुरुवर दूर दूर दूर
कह दो हमारा जी कसूर,
नहीं जाना अब दूर गुरुवर दूर दूर दूर

तुम ही दाता हों , गुरुवर विधाता मेरे
झूठे है सरे दस्तूर,
नहीं जाना अब दूर गुरुवर दूर दूर दूर

आज्ञा में तेरी रहे, दुःख सारे हँसकर सहे.
जो भी मिले वो मंजूर.
नहीं जाना अब दूर गुरुवर दूर दूर दूर

अपनी हमें प्रीति देना , अपनी शरण में लेना
प्रेम रहे ये भरपूर
नहीं जाना अब दूर गुरुवर दूर दूर दूर

दर्श तेरे पाते रहे, द्वार तेरे आते रहे.
आँखों में रहे तेरा नूर.
नहीं जाना अब दूर गुरुवर दूर दूर दूर

No comments: