Tuesday, February 5, 2008

हे वही भाग्यवान जो भगवान को चाहे

हे वही भाग्यवान जो भगवान को चाहे
भगवान को चाहे
विद्वान होके नित्य विघमान को चाहे
विघमान को चाहे
हरी हरी ॐ हरी हरी ॐ हरी हरी ॐ हरी हरी ॐ

भोगी सदा ही भोग के समान को चाहे
अभिमानी सदा ही अपने सम्मान को चाहे
वह त्यागी तपस्वी भी कीर्तिगान को चाहे
वह देव पुजारी भी तो वरदान को चाहे
कोई चाहे कुरान को या पुरान को चाहे
हे वही भाग्यवान जो भगवान को चाहे
भगवान को चाहे
विद्वान होके नित्य विघमान को चाहे
विघमान को चाहे
हरी हरी ॐ हरी हरी ॐ हरी हरी ॐ हरी हरी ॐ

कितने ही भले बुरे काम में भूले
कोई नाम में भूले कोई मान में भूले
कोई हजार लाख जो नाम में भूले
भूले नहीं वो जो दया निधान को चाहे
हे वही भाग्यवान जो भगवान को चाहे
भगवान को चाहे
विद्वान होके नित्य विघमान को चाहे
विघमान को चाहे
हरी हरी ॐ हरी हरी ॐ हरी हरी ॐ हरी हरी ॐ

चलता है भिखारी सदा धनवान के पीछे
मोही भूला करता है संतान के पीछे
दुर्बल चला करता है बलवान के पीछे
पर बुद्धिमान प्रभु के ही विधान को चाहे
हे वही भाग्यवान जो भगवान को चाहे
भगवान को चाहे
विद्वान होके नित्य विघमान को चाहे
विघमान को चाहे
हरी हरी ॐ हरी हरी ॐ हरी हरी ॐ हरी हरी ॐ

जो नित्य विघमान है वह दूर नहीं है
वह सर्वमय है साक्षी है और यही है
सब उसी के भीतर है जो कुछ भी कही है
हम भूले हुए जहाँ भी है वह भी यही है
जो ज्ञान में है इसी अधिष्ठान को चाहे
हे वही भाग्यवान जो भगवान को चाहे
भगवान को चाहे
विद्वान होके नित्य विघमान को चाहे
विघमान को चाहे
हरी हरी ॐ हरी हरी ॐ हरी हरी ॐ हरी हरी ॐ

भगवान् वही जिससे सब पूरे होते काम
भगवान से प्रकाशित है सारे रूप नाम
भगवान् से ही जीव को मिलता परम विश्राम
सबके वही परम आश्रय सद चित आनंद धाम
यह पथिक किसी विधि उन्ही महान को चाहे
हे वही भाग्यवान जो भगवान को चाहे
भगवान को चाहे
विद्वान होके नित्य विघमान को चाहे
विघमान को चाहे
हरी हरी ॐ हरी हरी ॐ हरी हरी ॐ हरी हरी ॐ

No comments: