गुरु बन भवनिधि तर्हि न कोई, चाहे विरंची शंकर सम होई.
सबका मंगल सबका भला हो , गुरुकामना ऐसी है
इसीलिए तो आये धरा पर सदगुरु आसाराम जी है
भारत का नया रूप बनाने, विश्गुरु के पद पर बिठाने
योग सीध्ही के खोले खजाने, ज्ञान का झरना फिर से बहाने
सबका मंगल सबका भला हो , गुरुकामना ऐसी है
युवा धन को ऊपर उठाने , योवन संयम का पाठ पढाने
जन जन भक्ति शक्ति जगाने, निकल पड़े गुरु राम निराले
सबका मंगल सबका भला हो , गुरुकामना ऐसी है
एक एक बच्ची शबरी सी हो,मीरा जैसी योगिनी हो
सती अनुसुया सती सीता हो , मुख पर तेज माँ शक्ति का हो
सबका मंगल सबका भला हो , गुरुकामना ऐसी है
नर नर में नारायण दर्शन, सेवा दर्पण गुरु को अर्पण
दिन दुखी को गले लगाए, सबका भला हो मन से गाए
सबका मंगल सबका भला हो , गुरुकामना ऐसी है
इसीलिए तो आये धरा पर सदगुरु आसाराम जी है
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