Friday, February 15, 2008

आरती श्री आसारामायण जी की

आरती श्री आसारामायण जी की

आरती श्री आसारामायण जी की
कर दे प्रभु परायण जी की
एक एक शब्द पूर्ण है इनका
दोष मिटे जैसे अग्नि में तिनका
शांति और आनंद दात्री जी की
आरती श्री आसारामायण जी की

सरल, सहज और मधुर है भाषा
पूर्ण करती हर अभिलाषा
कष्ट निवारक दुखहरनी की
आरती श्री आसारामायण जी की

ना कोई और है इनके जैसा
कंचन कार्ड पारस जैसा
भवतारक प्रिय है ये सभी की
आरती श्री आसारामायण जी की

पाठ करे जो निशिदिन इसका
पूर्ण करे जो काज हो जिसका
वर दानी कल्याणी जी की
आरती श्री आसारामायण जी की

पद कर चडे निराली मस्ती
खो जाये प्राणी, मिट जाये हस्ती
ज्ञान भक्ति और योग त्रिवेणी
आरती श्री आसारामायण जी की

रामायण और गीता के सम
नहीं है ये किसी शास्त्र से कम
छोटी सी है पर बड़े लाभ की
आरती श्री आसारामायण जी की

जिसे पड़ कर गुरु याद बड़े है
विघन हटे जो राह में खडे है
विघन निवारक दुःख हरनी की
सुखकारी मंगलकरनी की
शिष्यों की हिरदय मलहारिणी जी की
आरती श्री आसारामायण जी की

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