पाया मनुज धन जग में तू आया
ले ले हरी का नाम
बोलो राम श्री राम बोलो राम सही राम
हरी को भज ले रात और दिन दिन
हरी भक्ति से आवे शुभ दिन
क्यों करता अभिमान ओ क्यों करता अभिमान
बोलो राम श्री राम बोलो राम सही राम
यह जग सारा माया पसारा
क्यों फिरता तू मारा मारा
सदगुरु करते पार ओ सदगुरु करते पार
बोलो राम श्री राम बोलो राम सही राम
गुरु के मुख में अमृतवाणी
भीतर करती सहज समाधि
गुरु पाए मुक्तिमान ओ गुरु पाए मुक्तिमान
बोलो राम श्री राम बोलो राम सही राम
पांच विकारों का जहर है काला
धीरे धीरे सबको मारा
अंतर्गुरु को पुकार अंतर्गुरु को पुकार
बोलो राम श्री राम बोलो राम सही राम
आत्मपद की ज्ञान की वर्षा
सदगुरु करते दोडे आना
गुरुचरनन का वास ओ गुरुचरनन का वास
बोलो राम श्री राम बोलो राम सही राम
Tuesday, February 5, 2008
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