बड़ा दुःख पाया गुरुवर चरणों से मुख मोड़कर
रो रो बुलावे बेटा आओ गुरु दोड के
भूल को मेरी गुरुवार माफ कर देओ ना
बालक तेरा ह दाता शमा कर देओ ना
और ना सताओ अपने मुखड़े को मोड़ के
रो रो बुलावे बेटा आओ गुरु दोड के
मुझे क्या पता था की येसा दुःख पाउँगा
तुझको भुला कर दर दर ठोकरे मैं खाऊंगा
चरणों में बैठा गुरूजी दोनों हाथ जोडके
रो रो बुलावे बेटा आओ गुरु दोड के
साथी भी झूठे सारे धोखा मैं खाया हूँ
तुझको भुलाकर गुरु चैन ना पाया हूँ
आँखे खुली अब मेरी सबको टटोल के
रो रो बुलावे बेटा आओ गुरु दोड के
गुरु और शिष्य का रिश्ता अनोखा
बाकी है जग सारा धोखा ही धोखा
प्याली पिला दे गुरु हरी ॐ घोल के
रो रो बुलावे बेटा आओ गुरु दोड के
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