देखो किसने क्या पाया मानव क्यों जग में आया
भज लो श्री भगवान जगत में कुछ दिन के मेहमान
ॐ हरी ॐ ॐ हरी ॐ ॐ हरी ॐ ॐ हरी ॐ
आने वाले को देखो, क्या संग लेकर आता है
जाने वाले को देखो क्या संग लेकर जाता है
कुछ पुण्य किये इस जग में , या यू ही यह तन व्यर्थ गवाया
देखो किसने क्या पाया मानव क्यों जग में आया
ॐ हरी ॐ ॐ हरी ॐ ॐ हरी ॐ ॐ हरी ॐ
उस लोभी को भी देखो, संचय का जिसे व्यसन है
कितनी ही सम्पत्ति जोड़ी पर तृप्त ना होता मन है
कोडी ना साथ जायेगी फिर किसके लिए कमाया
देखो किसने क्या पाया मानव क्यों जग में आया
ॐ हरी ॐ ॐ हरी ॐ ॐ हरी ॐ ॐ हरी ॐ
उस अभिमानी को भी देखो यह विभव रहेगा कब तक
उससे भी बढकर हो गए करोडो अब तक
मिटटी में मिल गयी उनकी जो दर्शनीय थी काया
देखो किसने क्या पाया मानव क्यों जग में आया
ॐ हरी ॐ ॐ हरी ॐ ॐ हरी ॐ ॐ हरी ॐ
उस कामी को भी देखो जितना खोता जाता है
वह कई गुना ही बढकर उसके सन्मुख आता है
जिसने जितना दे डाला उतना ही लाभ कमाया
देखो किसने क्या पाया मानव क्यों जग में आया
ॐ हरी ॐ ॐ हरी ॐ ॐ हरी ॐ ॐ हरी ॐ
उस त्यागी को भी देखो जो दुःख दोष को तजकर
निर्द्वन्द शांति को पाता है सत परमेश्वर को भजकर
भोगी ने राग बढाया त्यागी ने प्रेम अपनाया
देखो किसने क्या पाया मानव क्यों जग में आया
ॐ हरी ॐ ॐ हरी ॐ ॐ हरी ॐ ॐ हरी ॐ
उस मोही को भी देखो सबकी ममता में भुला
निज देह में पड़कर उस परमेश्वर को भुला
ये मोह दुखो की जड़ है इसने किसको न रुलाया
देखो किसने क्या पाया मानव क्यों जग में आया
भज लो श्री भगवान जगत में कुछ दिन के मेहमान
ॐ हरी ॐ ॐ हरी ॐ ॐ हरी ॐ ॐ हरी ॐ
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