Saturday, February 9, 2008

प्रभु तेरी लीला का कोई पार नहीं पता

प्रभु तेरी लीला का कोई पार नहीं पता
जिस रूप में जो देखे वैसा ही नजर आता

अवतार कई तेरे और नाम कई तेरे
कोई कहता ये मेरे कोई कहता ये मेरे
जो जैसा ध्यान करे वैसा ही तू बन जाता
प्रभु तेरी लीला का कोई पार नहीं पता

सच्ची सेवा निष्ठा से जो सेवा करते है
जो शरण पड़े तेरी भवसागर तरते है
इच्छा पूरी करता येसा तू जगदाता
प्रभु तेरी लीला का कोई पार नहीं पता

तुझे भक्ति प्यारी है और भक्त दुलारे है
उनके बिगड़े सब काम , सब प्रभु तुने सवारे है
प्रेमा सुबह दे सब हाल समझ जाता
प्रभु तेरी लीला का कोई पार नहीं पता

अपने भक्तो की सदा तुने आन निभाई है
जब विपत्ति पड़ी मुश्किल तुने लाज बचायी है
युग युग से चला आया प्रभु भक्त का ये नाता
प्रभु तेरी लीला का कोई पार नहीं पता

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