Friday, February 8, 2008

मत कर तू अभिमान , जगत में कुछ दिन का मेहमान
भज ले श्री भगवन , जगत में कुछ दिन के मेहमान.
ॐ हरी ॐ हरी ॐ हरी ॐ हरी ॐ हरी ॐ

रहे न रावन सम अभिमानी, हिरनाकश्पू सम वरदानी
क्षण में छूटे प्राण जगत में कुछ दिन के मेहमान
ॐ हरी ॐ हरी ॐ हरी ॐ हरी ॐ हरी ॐ

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