Friday, February 15, 2008

भक्ति मिलती शांति मिलती गुरुवर के दरबार में

भक्ति मिलती शांति मिलती गुरुवर के दरबार में
भक्ति मिलती शांति मिलती बापू के दरबार में
भक्त जानो के कष्ट है मिटते बापू के दरबार में
भक्ति मिलती शांति मिलती बापू के दरबार में

निशिदिन तेरा ध्यान लगाऊ
तेरा ही गुणगान में गाऊ
चमके उसका भाग्य सितारा
आये जो गुरुवर पे
भक्ति मिलती शांति मिलती गुरुवर के दरबार में

मेरा तेरा क्या करता है
गुरु बिन न कोई तरता है
लगे है उसकी नैया किनारे
आये जो गुरुद्वार पे
भक्ति मिलती शांति मिलती गुरुवर के दरबार में

जब भी है बापू मुस्काते
भक्तो के दिल खिल खिल जाते
होता है वो किस्मत वाला
आये जो गुरुद्वार पे
भक्ति मिलती शांति मिलती गुरुवर के दरबार में

जिनके मन में बापू बसते
कभी न वो जग में फसते
हो जाये वो निहाल वो पल में
आये जो गुरुद्वार पे
भक्ति मिलती शांति मिलती गुरुवर के दरबार में

ज्ञान से अपने को सवारे
ज्ञान ही इनका भाव से तारे
पूरी है होती सारी मुरादे
आये जो गुरुद्वार पे
भक्ति मिलती शांति मिलती गुरुवर के दरबार में

कभी भी इनसे दूर न होना
इनकी कृपा बिना जीवन सुना
होती है रहमत की वर्षा
आये जो गुरुद्वार पे
भक्ति मिलती शांति मिलती गुरुवर के दरबार में

जिस पर नूरानी नजर है डाले
खुलते उसके भाग्य के तारे
बिन मांगे सब कुछ है मिलता
आये जो गुरुद्वार पे
भक्ति मिलती शांति मिलती गुरुवर के दरबार में

चमके उसका भाग्य सितारा
आये जो गुरुद्वार पे
भक्ति मिलती शांति मिलती गुरुवर के दरबार में

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