अगर इस जन्म में प्रभु को जाना नहीं
तेरे नर तन पाने से क्या फायदा
जिन्दगी की शर्त अगर पूरी न हो
तो यह जिन्दगी गवाने से क्या फायदा
तेरे सोभाग्य से शुभ समय मिल गया
इसके उपयोग का योग कर न सके
जो समय पर समय को समझा नहीं
व्यर्थ अवसर बिताने से क्या फायदा
अगर इस जनम में प्रभु को जाना नही
तेरे नर तन पाने से क्या फायदा
जिन्दगी की शर्त अगर पूरी न हो
तो यह जिन्दगी गवाने से क्या फायदा
तेल साबुन से धोया है मल मल कर तन
प्रयाग काशी अयोध्या गए वृन्दावन
फिर भी निर्मल हुआ न तेरा मन
तेरे गंगा नहाने से क्या फायदा
अगर इस जन्म में प्रभु को जाना नहीं
तेरे नर तन पाने से क्या फायदा
जिन्दगी की शर्त अगर पूरी न हो
तो यह जिन्दगी गवाने से क्या फायदा
मीठी वाणी न जानी कभी बोलके
विष भरी बोली है विष घोलके
तेरी बोली में है गोली का असर
तेरे गाने बजाने से क्या फायदा
अगर इस जनम में प्रभु को जाना नहीं
तेरे नर तन पाने से क्या फायदा
जिन्दगी की शर्त अगर पूरी न हो
तो यह जिन्दगी गवाने से क्या फायदा
आने जाने का प्रतिफल जितेन्द्रिय यही
आने जाने बंधन से निर्मुक्त हो
आना जाना जग में लगा ही रहा
तेरे गाने बजाने से क्या फायदा
अगर इस जनम में प्रभु को जाना नहीं
तेरे नर तन पाने से क्या फायदा
जिन्दगी की शर्त अगर पूरी न हो
तो यह जिन्दगी गवाने से क्या फायदा
Monday, February 11, 2008
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