Saturday, February 9, 2008

गुरुदेव अपने दास पर इतनी दया करो

गुरुदेव अपने दास पर इतनी दया करो
अपनी दया का हाथ मेरे शीश पर धरो

निशिदिन मैं याद करता हूँ, हर ध्यान आपका
भूले न एक पल , करू गुणगान आपका
कभी भूल भी हो जाये तो मुझको शमा करो
अपनी दया का हाथ मेरे शीश पर धरो

जैसा भी बुरा भला हूँ दास आपका
रहता है मुझको सदा विश्वास आपका
करू याद जब भी तुम्हे, सन्मुख रहा करो
अपनी दया का हाथ मेरे शीश पर धरो

कल्याणकारी है सदा , गुरुनाम आपका
सतराह पर चलाना है गुरु काम आपका
जपता रहू मैं नाम गुरु ऐसी कृपा करो
अपनी दया का हाथ मेरे शीश पर धरो

जो कुछ भी मेरे पास है, है प्रसाद आपका
मिलता रहे सदा आशीर्वाद आपका
करके दया विभक्तिया तुम दूर अब करो
अपनी दया का हाथ मेरे शीश पर धरो

2 comments:

Unknown said...

Nice bhajan

Anonymous said...

My favorite bhajan 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🤗🤗🤗🤗🤗🤗🤗🤗🤗🤗